जय भोले जय जय शिवशंकर।
वांछित प्रभु आपका कृपाकर।।
मस्तक दूज चन्द्रमा सोहे।
पड़े दृष्टि सुर जन मन मोहे।।
शीश विराजे पावन गंगा।
कर त्रिशूल डमरू ध्वनि संगा।।
मातु उमा वामांग विराजें।
गिरि कैलाश बाघम्बर साजें।।
श्रीगणेश के मात पिता तुम।
वंदन करते हैं भोले हम।।
मैं प्राणी मूरख अज्ञानी।
कृपा करो प्रभु औढर दानी।।
नमः शिवाय का जप हम करते।
नाम लिया संकट सब हरते।।
दुःख दारिद्र दूर कर त्राता।
भोले शिव त्रिपुरारि कहाता।।
अक्षय अमल अघोर अनन्ता।
वंदहिं सुर नर मुनि सब संता।
अर्कनयन अवार्य अविनाशी।
ओंकारेश्वर घट - घट वासी।।
औषधेश कामारि कपाली।
जपत निरन्तर 'शुभम'कुचाली
भोलेनाथ महेश पशुपती।
'शुभम'कृपा कर याचक सुगती।।
💐 शुभमस्तु !
✍ रचयिता ©
☘ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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