तिरंगा हमारा ! तिरंगा हमारा!
हमें जान से भी लगता है प्यारा।।
ऊँचे से ऊँचा ध्वज ये रहेगा।
अपनी ज़ुबानी कहानी कहेगा।।
जुनूँ ,जोश,जज़्बे को देता सहारा।।
तिरंगा हमारा !....
कभी शान इसकी जाने न देंगे।
सदा मान इसका ऊँचा रखेंगे।।
अबीरों में लहराए प्यारा -दुलारा।
तिरंगा हमारा !...
झुके हैं न झंडे को झुकने ही देंगे।
नापाक मनसूबे सारे मिटेंगे।
बुरी हर नज़र का करेगा किनारा।
तिरंगा हमारा !....
हमारा है जो वह हमारा रहेगा।
हकीकत हमारी जमाना कहेगा।।
देगा न दुश्मन को कोई सहारा।
तिरंगा हमारा !....
हमें गर्व है शुभ प्रतीकों का इसके।
शौर्य,शांति,समृद्धि तिरंगे से
रिसते।।
अहर्निश न रुकता नील -चक्र तारा।
तिरंगा हमारा !....
💐 शुभमस्तु!
✍रचयिता ©
डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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