रविवार, 25 अगस्त 2019

सूफ़ियाना ग़ज़ल


    
माता यशोदा  के प्राण  प्यारे आओ,
लेंगे   बलैया  हम  घर हमारे आओ।

तुम्हीं  एक रक्षक हो तुम्हीं हो खिवैया
तुम्ही   एक मेरे हो मम सहारे आओ।

जन्म- दिन है  तुम्हारा  बधावे घर- घर 
संहारक  दानवों  के मम दुआरे आओ।

भृष्टता  का कीड़ा  है आज जन-जन में,
बन   के उद्धारक तुम प्रिय हमारे आओ।

'शुभम'  देह  मानव की कहने ही भर को
देह- बसे   दानव को मार  प्यारे  आओ।

शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🕉 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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