गुरुवार, 22 अगस्त 2019

घर-घर जन्मे देवकी -लाल [बाल गीत ]

लड्डू गोपाल मेरे लड्डू गोपाल।
घर-घर  जन्मे देवकी - लाल।।

भादों   महिना   काली  रात।
सूझे    नहीं   हाथ से   हाथ।।
जलते   दीप न  जले मशाल।
घर -घर जन्मे ....

खुले  जेल के    भारी   ताले।
सोए  थे  सब    पहरे   वाले।।
श्रीवसुदेव  ने  लिए  निकाल।
घर -घर जन्मे ....

बड़  उफान भरी जमुना मैया।
छुए चरण सरि किशन कन्हैया।।
शेष   नाग   करें  रक्षा - ढाल।
घर -घर जन्मे ....

नन्द  जसोदा  के घर गोकुल।
थे वसुदेव  बहुत ही व्याकुल।।
यसुदा के   सँग  सोए  लाल।
घर -घर जन्मे ....

लाल   देखकर  माता चौंकी।
नन्द बाबा ने खुशी न रोकी।।
घर -घर मंगल गान खुशाल।
घर -घर जन्मे ....

💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🕉 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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