मंगलवार, 6 अगस्त 2019

सवाल सकुचाये -से [ विधा :सायली ]

 एक
 'धर्मपत्नी' गई
'धर्मपति' के  साथ
 मेले   में
 अकेली।

 एक
पत्नी  गई
पति  के  साथ
ससुराल में
 दुकेली।

जब
'धर्मपत्नी'  है
'धर्मपति'  क्यों नहीं!
पति  ही
क्यों ?

अपनी
पत्नी अपनी
अपनी अन्य रक्षिता
'धर्मपत्नी ' है
सुना?

ये
कौन  है ?
'धर्मसाला' है अपना
' धर्मपत्नी'  का
भैया।

और
ये कौन?
साला है, भाई-
पत्नी का
मेरी।

भाई
'धर्मपत्नी 'का
साला  नहीं  होगा
'धर्मसाला' ही
कहलायेगा।

रक्षिता
'धर्मपत्नी' है
भाँवर  नहीं  पड़ती
'धर्मपत्नी' के
साथ।

पत्नी
रक्षिता नहीं
माँग  में   सिंदूर
जो   भरा
है।

परिभाषा
बदल  दीजिए
'धर्मपत्नी की अब
मात्र पत्नी
कहिए।

सवाल
सकुचाये-से
उठे   हैं  'शुभम'
पत्नी के
हितार्थ।

💐शुभमस्तु!
✍रचयिता©
💞 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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