इधर एक गाय वाला ।
उधर एक चाय वाला।।
संसद में अँखियाँ मारे,
सांसद एक हाय वाला।
उसका भरोसा झूठा,
नेता काँय - काँय वाला।
अपशब्द गूँज उठता है,
वक्त साँय - साँय वाला।
घपलेबाज तो भागेगा ही,
वो है बाय - बाय वाला।
उनका वादा झूठा - सच्चा
फिस्स टाँय - टाँय वाला।
बन्द ज़ुरूर ही होगा,
बजर धाँय -धाँय वाला।
शुभमस्तु !
✍रचियता ©
🇮🇳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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