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✍ शब्दकार ©
🌹 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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मैं गीत देश के गाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
आशा ही श्वांस हमारी है।
विश्वास सुमन की क्यारी है।।
क्यारी को हरा बनाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
ये आशा कोई त्रास नहीं।
भरती मन में विश्वास वही।।
उर में उल्लास जगाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
सुख गया दुःख भी जाएगा।
दुख यहाँ नहीं रह पाएगा।।
उस दुख की त्रास मिटाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
भोगों में रोग बसा करते।
सुख - चैन हमारा वे हरते।।
उस सुख कीआश जगाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
जूझना निरन्तर जीवन है।
आशा अपनी संजीवन है।।
बूटी की पौध लगाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
आशा की र श्मि उजाला है।
तम नहीं वहाँ पर काला है।।
उस तम को श्वेत बनाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
आशा ने मुझको पाला है।
अपने साँचे में ढाला है।।
उन साँचों को सजवाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
आँधी या तेज प्रभंजन हो।
सबका ही तो अभिनंदन हो।।
आशा का जल बरसाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
यह रोग - सुनामी आई है।
इसने मानवता खाई है।।
आशा से धता बताता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
देखो फूलों को कलियों को।
तितली को कोकिल अलियों को।।
गुन- गुन का राग गुँजाता हूँ ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
उत्साह नहीं अपना खोना।
वापस जाएगा कोरोना।।
नित 'शुभम ' दीप जलवाता हूँ।
आशा - संदेश सुनाता हूँ।।
💐 शुभमस्तु !
15.04.2020 ◆4.00अप
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