🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
🕯️🕯️
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
✍शब्दकार ©
🪔 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
फ़िर से आज दिवाली होगी।
नौ - नौ दीपक वाली होगी।।
रात नौ बजे दिये जलेंगे।
राष्ट्र -एकता सुमन खिलेंगे।।
सबके मन खुशहाली होगी।
फिर से आज दिवाली होगी।।
नौ मिनटों को हम सब होंगे।
अँधियारों के भूत न होंगे।।
दुनिया नहीं सवाली होगी
फिर से आज दिवाली होगी।।
हम सब गाएँगे इक गाना।
सबका अपना एक तराना।।
रजनी ये उजियाली होगी।
फिर से आज दिवाली होगी।।
मोमबत्तियाँ, टॉर्च जलाएँ।
घृत या तेल दिये में लाएं।।
नौ मिनटों की ताली होगी।
फिर से आज दिवाली होगी।।
देश रहे मजबूत हमारा।
फैलाएं मिलकर उजियारा।।
'शुभम ' न खाली थाली होगी।
फिर से आज दिवाली होगी।।
💐 शुभमस्तु !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें