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✍ शब्दकार ©
☘️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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छोटे - छोटे सुंदर हाथ।
सदा हमारा देते साथ।।
हाथों से हम खाना खाते।
छोटे - बड़े काम कर पाते।।
हाथ जोड़ते झुकता माथ।
छोटे - छोटे सुंदर हाथ।।
देह मलें स्नान कराते।
धुले हुए कपड़े पहनाते।।
सदा शुद्धता में दें साथ।
छोटे - छोटे सुंदर हाथ।।
पकड़ हाथ में पुस्तक पढ़ते।
ज्ञान - वृद्धि कर आगे बढ़ते।।
लिखने के हित दोनों नाथ।
छोटे - छोटे सुंदर हाथ।।
कर्म - इन्द्रियाँ ये कहलाते।
मात - पिता हमको बतलाते।।
लिखते ये जीवन की गाथ ।
छोटे - छोटे सुंदर हाथ।।
गुरुजन के चरणों को छूते।
शुभाशीष लें इनके बूते।।
नित प्रशस्त हाथों से पाथ।
छोटे - छोटे सुंदर हाथ।।
माँ की बाँहों में छिप जाते।
हर भय से रक्षा कर पाते।।
'शुभम' सदा करते परमार्थ।
छोटे - छोटे सुंदर हाथ।।
💐 शुभमस्तु !
07.04.2020◆3.00अपराह्न।
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