मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

हाथ [ बालगीत ]


★★★★★★★★★★★★★★
✍ शब्दकार ©
☘️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
★★★★★★★★★★★★★★

छोटे   - छोटे     सुंदर    हाथ।
सदा     हमारा      देते   साथ।।

हाथों    से    हम खाना  खाते।
छोटे - बड़े काम  कर  पाते।।
हाथ    जोड़ते   झुकता   माथ।
छोटे    -  छोटे    सुंदर   हाथ।।

 देह      मलें    स्नान   कराते।
धुले     हुए   कपड़े   पहनाते।।
सदा     शुद्धता    में  दें  साथ।
छोटे  -    छोटे    सुंदर   हाथ।।

पकड़    हाथ  में पुस्तक पढ़ते।
ज्ञान  - वृद्धि कर आगे बढ़ते।।
लिखने   के हित  दोनों   नाथ।
छोटे -   छोटे      सुंदर  हाथ।।

कर्म  -  इन्द्रियाँ   ये  कहलाते।
मात -  पिता हमको बतलाते।।
लिखते   ये जीवन   की गाथ ।
छोटे -  छोटे     सुंदर   हाथ।।

गुरुजन  के  चरणों को  छूते।
शुभाशीष  लें   इनके    बूते।।
नित प्रशस्त  हाथों   से  पाथ।
छोटे -  छोटे    सुंदर     हाथ।।

माँ  की  बाँहों  में  छिप  जाते।
हर  भय से रक्षा   कर  पाते।।
'शुभम' सदा  करते  परमार्थ।
छोटे -  छोटे    सुंदर    हाथ।।

💐 शुभमस्तु !

07.04.2020◆3.00अपराह्न।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

किनारे पर खड़ा दरख़्त

मेरे सामने नदी बह रही है, बहते -बहते कुछ कह रही है, कभी कलकल कभी हलचल कभी समतल प्रवाह , कभी सूखी हुई आह, नदी में चल रह...