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✍ शब्दकार ©
🎸 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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सरस्वती ! हंसासना !! माँ शारदे।
वीणा बजाकर विश्व में झंकार दे।।
ज्ञानदा ! शुचि ज्ञान दे माँ भारती!
हाथ जोड़े कर रहे हम आरती।।
विश्व में काला अँधेरा छा रहा।
हमको बचाओ आदमी चिल्ला रहा।।
सृष्टि - रक्षा का विमल उपहार दे।
वागीश्वरी ! नर जाति को माँ तार दे।।
तू शिवा ! शुभदा !! 'शुभम' आधार दे।
अर्चना तेरी करूँ माँ शारदे।।
💐 शुभमस्तु !
04.04.2020 ◆7.15पूर्वाह्न।
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