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✍️ शब्दकार©
⛳ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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जगदम्बे ! हम तेरे बालक।
माँ तू है हम सबकी पालक।
नौ रूपों में माँ आती है।
दुर्गा, आर्या कहलाती है।।
माँ है तू जग की संचालक।
जगदम्बे! हम तेरे बालक।।
नाम हजारों माता तेरे।
हम हैं नित संकट से घेरे।।
माता तू जग की उद्धारक।
जगदम्बे ! हम तेरे बालक।।
भय, भ्रम से हम काँप रहे हैं।
कितने हमने कष्ट सहे हैं।।
सदन पधारो बन अघ घालक।
जगदम्बे! हम तेरे बालक ।।
महिषासुर को तुमने मारा।
शुम्भ निशुम्भ मातु संहारा।।
ज्ञान बुद्धि की दाता शारद।
जगदम्बे! हम तेरे बालक।।
धन,बल को माँ देने वाली।
'शुभम' नाचते दे हम ताली।।
माँ आद्या तू है खल घालक।
जगदम्बे !हम तेरे बालक।।
💐 शुभमस्तु !
17.10.2020◆5.00अपराह्न।
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