■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■
✍️ शब्दकार ©
🤴 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■
दूल्हा आया ! दूल्हा आया!!
सँग में बहुत बराती लाया।।
घोड़ी पर दुलहा बैठा है।
तना हुआ कुछ-कुछ ऐंठा है।।
हँसता मुस्काता - सा पाया।
दूल्हा आया ! दूल्हा आया!!
बैंड बज रहा आगे - आगे।
सभी देखने को हम भागे।।
चाची, भाभी के मन भाया।
दूल्हा आया ! दूल्हा आया!!
पीछे उसके सजे बराती।
नाच रहीं बाला मदमाती।।
लड़कों ने भी नाच दिखाया।
दूल्हा आया ! दूल्हा आया!!
सजे हुए घर, द्वारे, गलियाँ।
सुंदर वंदनवार फुलड़ियाँ।।
जिसने देखा वह हर्षाया।
दूल्हा आया ! दूल्हा आया!!
आज रात में होगी शादी।
करें पुरोहित ब्याह मुनादी।।
'शुभम' जहाँ मंडप बनवाया।
दूल्हा आया ! दूल्हा आया!!
🪴 शुभमस्तु !
१३.११.२०२१◆१२.१५
आरोहणं मार्तण्डस्य।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें