रविवार, 14 नवंबर 2021

दूल्हा आया 🤴 [ बालगीत ]


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✍️ शब्दकार ©

🤴 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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दूल्हा  आया ! दूल्हा  आया!!

सँग  में बहुत  बराती  लाया।।


घोड़ी   पर  दुलहा   बैठा   है।

तना हुआ कुछ-कुछ ऐंठा है।।

हँसता  मुस्काता -  सा पाया।

दूल्हा  आया ! दूल्हा  आया!!


बैंड  बज  रहा  आगे -  आगे।

सभी  देखने को हम  भागे।।

चाची, भाभी के  मन  भाया।

दूल्हा  आया ! दूल्हा आया!!


पीछे   उसके    सजे   बराती।

नाच  रहीं  बाला   मदमाती।।

लड़कों  ने भी नाच दिखाया।

दूल्हा  आया ! दूल्हा आया!!


सजे हुए घर,  द्वारे,  गलियाँ।

सुंदर  वंदनवार   फुलड़ियाँ।।

जिसने  देखा   वह   हर्षाया।

दूल्हा आया ! दूल्हा  आया!!


आज रात   में   होगी  शादी।

करें पुरोहित ब्याह   मुनादी।।

'शुभम' जहाँ मंडप बनवाया।

दूल्हा  आया ! दूल्हा आया!!


🪴 शुभमस्तु !


१३.११.२०२१◆१२.१५

आरोहणं मार्तण्डस्य।


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