मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022

होली आई 🎊 [बाल कविता ]


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✍️ शब्दकार ©

🎊 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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होली    आई ।

रँग भर  लाई।।


चुन्नू    आओ।

चंदन  लाओ।।


अपनी   टोली।

खेले     होली।।


फ़ाग     सुनाएँ।

मिलजुल गाएँ।।


ढप जब बजता।

ढप -ढप करता।।


बजें       मजीरे।

धीरे      -  धीरे।।


ढोलक    बोली।

खेलें      होली।।


सब    हमजोली।

लें   रँग    रोली।।


कविता     आई।

गुड़िया     आई।।


हेमा        दुबकी।

ज्योती   मटकी।।


साईं        आओ।

क्यों    शरमाओ!!


भारत      भैया ।

ला पिचकरिया।।


खुशी    बुलाती।

छाया     आती।।


कहाँ     जानवी।

मैं न    जानती।।


अमोल    आया।

ओशी     लाया।।


खाय     मिठाई।

होली     आई।।


🪴 शुभमस्तु  !


२२.०२.२०२२◆ ७.१५ आरोहणं मार्तण्डस्य।

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