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समांत : ऊला।
पदांत : न होता।
मात्राभार :16.
मात्रा पतन: शून्य।
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✍️शब्दकार ©
🪴 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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समय सदा अनुकूल न होता
जीवन-पथ नित फूल न होता
बाधाओं से हार न मानें
हर बाधा में शूल न होता
कर्मठता में लक्ष्य छिपा है
फल कर्मों का धूल न होता
मुखड़ों से मत धोखा खाना
हर मुखड़े पर ऊल न होता
वसन-वसन का पृथक मोल है
अवगुंठन मुख - झूल न होता
कितने पादप और लताएँ
हर पादप में मूल न होता
'शुभम' चुभन देने वाला हर
मानव शूल बबूल न होता
ऊल =उल्लास।
मुख-झूल= मुख पर झूलता हुआ वस्त्र।
🪴 शुभमस्तु !
२८.०२.२०२२◆८.३० आरोहणं मार्तण्डस्य।
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