■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■
✍️ शब्दकार ©
🔱 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■
युद्ध नाम है नाश का ,नहीं शांति का नाम।
रूसी यूक्रेनी लड़े, हुआ न युद्धविराम।।
धोखा दे भड़का दिया, अमरीका ने देश,
चार कदम पीछे हटा, वादा किया हराम।
वादा अपना भूलकर, भड़काई है आग,
लड़ो, लड़ो , लड़ते रहो,नहीं हमारा काम।
अहंकार विस्तार का, पाले पुतिन सरोष,
कूद पड़े मैदान में , होती धूम-धड़ाम।
साहस का प्रतिमान हैं,जेलेन्स्की रणधीर,
नहीं छोड़ना देश को, नहीं छोड़ना धाम।
देशभक्त रणबाँकुरे, यूक्रेनी नर - नारि,
देश बचाने के लिए ,दौड़े किया प्रणाम।
गोले, तोप,मिसाइलें,सुलगी भीषण आग,
त्राहि -त्राहि मचने लगी,हुए विधाता वाम।
पुतिन आज बहरा हुआ,देता बात न कान,
संहारक दानव बना, धमकी का पैगाम।
'शुभम' ईश रक्षा करें, दुनिया में हो शांति,
युद्धों का होता नहीं,कभी भला परिणाम।
🪴शुभमस्तु !
२८.०२.२०२२◆४.४५
पतनम मार्तण्डस्य।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें