बुधवार, 10 अप्रैल 2024

मिले सभी अधिकार [ गीत ]

 172/2024

         


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


लोकतंत्र है

ये मत समझो 

मिले सभी अधिकार।


जड़ लो ताला

निज होठों पर

करो नहीं बकवास।

एक शब्द भी

नहीं बोलना

आए हमें न रास।।


 हाथ हमारे

 सिमटी पूरी

ताकत अपरंपार।


सबसे ज्यादा

हमें ज्ञान है 

शक्ति हमारे पास।

दिन को रात

कहें यदि हम जो

कहो बने ज्यों दास।।


जिसकी लाठी

भैंस उसी की

आज यही संसार।


रहना है तो

पालन करना

सख्त यही आदेश।

हम जो चाहें

करना होगा

धारण सबको वेश।।


चाहो यदि

अस्तित्व देश में

हमसे कर लो प्यार।


शुभमस्तु !


09.04.2024●6.30आ०मा०

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