गुरुवार, 6 दिसंबर 2018

आओ खेलें नेता-नेता (गीत)

आओ   खेलें    नेता - नेता
आम चूस छिलका जो देता
तुम जनता  मैं  नेता  बनता
गुब्बारे - सा मैं  नित तनता
वोट   तुम्हारे   मुझे  चाहिए 
माला माल भी मुझे चाहिए
नहीं  किसी  को नेता  देता
आओ   खेलें  नेता - नेता।

आश्वासन  हैं  पास   हमारे
मीठे - मीठे   भाषण  प्यारे
घड़ियाली आँसू  का सागर
अभिनय  करने में नटनागर
पैरों   में   टोपी    रख   देता
आओ    खेलें    नेता- नेता।

आई ए एस भी सर कहता है
कुर्सी  छोड़  खड़ा   रहता  है
पलक पाँवड़े  सभी  बिछाते
हार गले  को नित   सहलाते
नाव  देश    की   नेता   खेता
आओ   खेलें    नेता - नेता ।

लिखा-पढ़ी का मोल नहीं है
बिना पढ़े जब   तोल सही है
डिग्रीधारी      नौकर     होते
हम  डिग्री   के  ऊपर   सोते
पढ़े-लिखों  पर  भारी  नेता
आओ   खेलें  नेता -  नेता।

नोटों की  बरसात  यहाँ  है
ऐसा  रुतवा   और कहाँ है!
अपने  आप   लक्ष्मी  आती
चरणों में   गिरती  मदमाती
काजू -  पिस्ते  खाता  नेता 
आओ   खेलें   नेता - नेता।

झूठ  यहाँ पर पाप   नहीं है
सच भी अपना बाप नहीं है
पूरब कह पश्चिम को जाना
नेता का  सिद्धान्त   पुराना
अंडे   जैसे   जनता    सेता
आओ   खेलें  नेता - नेता।

नेता को  कोई नियम नहीं है
क़ानूनों  का  जनक   वही है
जनता के हित नियम बनाता
स्वयं न चलता   उसे चलाता
करता जो विश्वास , न चेता
आओ   खेलें   नेता -  नेता।

कान का कच्चा होता नेता
गुरगों का विश्वास जो लेता
चमचा-चमची से घिरा हुआ
तेरा  न हुआ मेरा   न  हुआ
आगे जो बढ़ा   उसको रेता
आओ  खेलें   नेता - नेता।

मरने   तक  नेता   ही  रहना
कभी न सेवा -निवृत्त कहना
जब तक तन में चलती साँसा
पूर्ण  भरोसा  जीवित आशा
हार  न   माने   सदा  विजेता
आओ   खेलें  नेता  -  नेता।

चरित कौनसी चिड़िया होती
बीट-बीज जन- जन में बोती
दल बदलो जब मन में आए
जिसने  बदला कब शरमाये!
कुर्सी  की कृषि  करता  नेता
आओ   खेलें   नेता - नेता।

श्वेत  वसन  रंगी  है   दुनिया
देशभक्ति की गूँजे  ध्वनियाँ
लगा   मुखौटे   ओढ़ें   खाल
दस- दस पीढ़ी हुईं  निहाल
"शुभम" शिवम सत्यं ही सेता
आओ  खेलें नेता - नेता।।

💐शुभमस्तु !
✍🏼©रचनाकार
डॉ. भगवत स्वरूप"शुभम"

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