नाम सत्य जीवन पानी का।
प्रकृति -प्रदत्त महादानी का।।
पानी से जीवन संसार,
बिन पानी सब कुछ निस्सार,
जीव - जंतु सर्वत्र नीरमय ,
नाम सत्य.....
पौधे लता पुष्प फल सारे,
रस मधु दुग्ध सलिल उद्धारे,
रक्त माँसअस्थियां कोशिका,
नाम सत्य....
नदियाँ सागर ओस तुषार,
तुहिन मेघ अम्बर का प्यार,
पावस शरद शिशिर हेमन्त,
नाम सत्य....
भ्रूण डिंभ रज या नर -बिन्दु,
जल से सराबोर हर सिंधु,
वाणी -निसृत कविता में भी,
नाम सत्य....
आँख का पानी जो मर जाए,
मोती क्या मानुष जी पाए?
रोटी 'शुभम'नहीं है जल बिन।
नाम सत्य जीवन पानी का।।
💐शुभमस्तु !
✍🏼रचयिता "©
☘ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें