जीवन जीव हवा आधार,
बिना हवा नैया मँझधार।
साँस माँस नररक्त समायी,
बिना वायु तन मृत -सा ही,
शेष कुछ क्षण का ही सार,
जीवन जीव ....
लता वृक्ष कलियाँ फल झूलें,
सावन में शाखा पर झूले,
पवन का संयत शुद्ध प्रसार,
जीवन जीव ....
वाहन धावें सदा पवन से,
करते ऊष्मा तीव्र तीव्र शमन वे,
भरी पहिए में हवा सुधार,
जीवन जीव....
जल थल अम्बर अनल समाया ,
नदिया सागर -जल में छाया,
गति का नाम वायु आभार,
जीवन जीव ....
बिना हवा अंकुर न हरा हो,
हरित लवक का सिंधु भरा हो,
फल में आता 'शुभम'खुमार।
जीवन जीव हवा आधार।।
💐शुभमस्तु !
✍🏼रचयिता ©
🌹 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम
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