481/2023
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● ©शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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विपदाओं ने पाला होता।
मानव हिम्मत वाला होता।।
कदम -कदम पर संकट झेले।
साँचे में नर ढाला होता।।
पर -सम्पति पर दृष्टि लगाए।
मन भी उसका काला होता।
चलता है दुर्गम पथ पर वह।
उसके पद में छाला होता।।
सत पथ पर चलने वाले की।
वाणी पर क्या ताला होता??
अघ -ओघों से भरा हृदय हो।
नयनों में भी जाला होता।।
'शुभम्' सदा चलता उस पथ पर।
जहाँ न मैला नाला होता।।
●शुभमस्तु !
06.11.2023◆6.15 आ०मा०
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