सोमवार, 20 नवंबर 2023

कभी न करना ● [ सजल ]

 494/2023

           


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● समांत : ईन ।

●पदांत  : अपदांत।

● मात्राभार :15.

●मात्रा पतन : शून्य।

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● ©शब्दकार 

● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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कभी  न  करना  हृदय  मलीन।

नहीं     बनेगा   जीवन    दीन।।


जीवन  में  वे     दुःखी     सदा।

भरते   उदर  किसी   से  छीन।।


निज  कर्मों  पर  कर   विश्वास।

ईश - भक्ति    में  रहना  लीन।।


दुर्बल  को    खाता    बलवान।

ज्यों  छोटी  को  तगड़ी   मीन।।


निष्ठावान    कर्म    में     नित्य।

सदा  बजाते  सुख   की  बीन।।


भारत   माँ  की   अपनी  शान।

हमें  न बनना    पाकी    चीन।।


'शुभम्'   मातरम   वंदे     गीत।

गाए  जनगण   रँग    में   तीन।।


●शुभमस्तु !


20.11.2023◆7.30आ०मा०

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