मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

कोहरा आया [ बाल गीत ]




अम्बर  से  धरती तक छाया।
कोहरा आया कोहरा आया।।

झक्क  दूधिया  चादर  तानी।
लाया धुआँ -धुआँ-सा पानी।।
बदल  गई  धरती  की काया।
कोहरा आया  कोहरा आया।

ओस  लदी   आलू   गेहूँ  पर।
भाप उठी  नदियों के  ऊपर।।
मुँह से श्वेत धुआँ - सा  आया।
कोहरा आया कोहरा आया।।

पेड़    भीगते     भीगी    बेलें।
कैसे   बाहर   जा हम  खेलें।।
लगता  कोहरा  भी मनभाया।
कोहरा आया कोहरा आया।।

चिड़ियाँ  नीड़  छिपी बैठी हैं।
ठंडक   से   गैया    ऐंठी   हैं।।
कुक्कड़  कूँ ने  हमें  जगाया।।
कोहरा आया कोहरा  आया।

मम्मी  कहतीं   भीतर  बैठो।
ओढ़   रजाई   में  जा लेटो।।
'शुभम' बड़ा  तंबू -सा छाया।
कोहरा आया कोहरा आया।।

💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🦢 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

22.12.2019●6.10पूर्वाह्न

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