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होरी - अरे धनुआ ! तू इत्तौ कायेकूँ पढ़तु है! पढ़ि - पढ़ि कें अपनी अँखिनु फोरि रहौऐ!
धनुआ-चों बापू , जा पढ़िबे में कहा बुराई ऐ ?
होरी- जा पढ़ाई -लिखाई में कछू नाय धरौ। देखि बा निनुआँ के छोरा कूँ देखि।
बानें हाई सकूल फैल करी ऐ। आजु बु नेता बनि गयौ ।सभासद तौ बनि ही गयौ। अब वु जीति गयौ तौ जल्दी
ऐमेले हू बनि जायगौ। फिरि का है चांदी ही चांदी है बाकी। कैसौ बगबगे सूट में बनौ -ठनों फित्तू ऐ।
धनुआ- बापू जी । मोय नेता नाय बन्नो।मेहनत की रोटी खांगो। मोय अधिकारी बन्नो है बापू।
होरी- जौ तू नेता बन जायगौ तौ हज़ार ऑफिसर तेरे आगें -पीछें चक्कर लगाविंगे। जो मालु नेतागीरी में है , वु ऑफिसरी में कहाँ धरौ ऐ।
धनुआ- नहीं बापू , नेतन की कमाई ईमानदारी की नाएँ होवे। गरीबन कौ गलौ काटि - काटि कें पइसा बारे भए
तौ का भए। खून के पइसा कौ ऊ हिसाब देनों पत्तू ऐ। मोय गरीबन कौ खून नाय चूसनों।
होरी- बात तौ तू सई - सई कैतु ऐ। कर्मन कौ फलु तौ सबन्ने भुगतनौ पत्तू ऐ। इतनों तौ मैंऊँ जानूँ। ठीक ऐ बेटा खूब मेहनत सें पढ़ि औरु जा नेतागिरी से दूरि रहि।।देश की सेवा तौ कैसेउँ कल्लेउ। बेटा धनुआ ! आजु तेंनें मेरी आँखेँ खोलि दईं। तोकूँ मेरी जेई अशीष ऐ कै तेरी पढ़ाई -लिखाई तोय दिन दूनी राति चौगुनी तरक्की पे लै जाय।
धनुआ- ठीक ऐ बापू तुम्हारौ आशिर्वाद मोय जीवन में सफल करै। औरु मोय का चहिए? इंसान कूँ माता - पिता कौ आसिरवाद जिंदगी भर फलीभूत होतु ऐ। उनकौ हमेशा सम्मान औरु सेवा कन्नी चहिए। बापू मैं तेरौ सांचौ सुपूत बनिकेँ दिखान्गों।
होरी- मेरौ आसिरबादु जिंदगी भरि तेरे साथ रहै।
भगवांन तोय पढ़ावें -बढ़ावें।
💐शुभमस्तु !
✍लेखक ©
🖋 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
10.01.2020●7.25 अपराह्न।
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