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✍️ शब्दकार ©
🚩 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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रामदूत हनुमान जी, करते हैं कल्याण।
भक्तों के संकट हरें, करें सदा ही त्राण।।
पवन पिता माँ अंजनी,सुत वर श्री हनुमान।
रामदूत कहते सभी, रखें सदा प्रभु ध्यान।।
रामकाज हित साधने,उड़े गगन हनुमान।
गिरि सँग संजीवनि उठा,रामदूत बलवान।।
रामायण या राम का,नहीं शेष अस्तित्व।
रामदूत हनुमान का,एकमात्र शुभ सत्त्व।।
जान मधुर फल भानु को,निगल गए हनुमान
रामदूत अनजान में, राहु माँगता त्रान।।
ब्रह्मा, रवि, यमदेव से,पाया तेज प्रताप।
रामदूत की शक्ति का,करता जग शुभ जाप।
रामदूत हनुमान को,नहीं शक्ति का भान।
जामवंत ने याद दी,लाँघा सिंधु महान।।
नव निधि आठों सिद्धियाँ, दाता हैं बजरंग।
सुरसा,माया का किया,मुक्त प्राण से संग।।
रामदूत हनुमान की, कृपा बिना उद्धार।
कलयुग में होता नहीं,श्रेष्ठ 'शुभम्'शुचिकार।
अजर अमर हनुमान हैं,सीता का वरदान।
राम मुद्रिका भेंट कर,हरते शोक महान।।
अहिरावण से मुक्त कर,राम लखन को त्राण।
रामदूत हनुमान ने, बल का दिया प्रमाण।।
🪴शुभमस्तु !
15.02.2023◆7.00आ.मा.
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