सोमवार, 27 फ़रवरी 2023

फागुन का डंका 🧨 [ सजल ]

 89/2023

 

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●समांत:  आरी ।

●पदांत: अपदांत ।

●मात्राभार  :16.

●मात्रा पतन :शून्य।

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✍️ शब्दकार ©

🧨 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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मारेंगे  भर-भर    रँग -  धारी।

हाथों  में  लेकर   पिचकारी।।


फागुन   में  होली का  डंका,

खेलें सब बालक, नर , नारी।


ऋतुओं   के   राजा    आएंगे,

खिलने लगीं फूल की  क्यारी।


पीले  पत्ते       पेड़     गिराते,

पतझड़  होता है  नित  जारी।


रँग- गुलाल  से  हम   खेलेंगे,

नाचें -  कूदें      दे - दे   तारी।


एक म्यान में सहज रहें कब,

सास बहू की  दो -दो  आरी।


भाभी   कहती  देवर  आओ,

हम छोटे  तुम   भाभी  भारी।



🪴शुभमस्तु !


27.02.2023◆2.30आ.मा.

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