सोमवार, 20 मई 2019

श्री ईवीएम आरती [दोहा,चौपाई]

सुमिरि नाम गणपति प्रथम,
आरति       करहुँ    गणेश।
मात     शारदे      ज्ञान   दे,
साईं        शेष        महेश।।

बैलट     -    पेपर है   नहीं ,
कैसे     हो          घटतोल।
इवीएम    के    जोड़    में,
बम    बम   भोले   बोल।।

लगीं  मेज सज गईं कतारें।
नेताजी     आरती   उतारें।।

जय जय   ईवीएम    पियारी।
विनती सुन लो आज हमारी।

दीप   धूप   ले   आरति गावें।
मनवांछित सांसद बन जावें।।

तेरे  मन   की  तू   ही  जानें।
अपनी-अपनी सब ही तानें।।

तेरी   कृपा  मूर्ख  जन पावें।
संसद -देहरि शीश झुकावें।।

पड़े  पाँव  में नौ -नौ छाले।
राजनीति के कड़े कसाले।।

बसी सियासत खून हमारे।
सांसद   नाती  बेटा  सारे।।

तेरी  ताकत  पार  न  कोई।
तेरे बिन किस्मत सब सोई।।

हाथ   जोड़    वंदन   करूँ ,
महीयसी       मैं      आज।
क्षमा  करो   अपराध  मम,
बचे        हमारी      लाज।।

भरे     आँकड़े    उदर   में,
मेरे     हित      में     मोड़।
तेरी  इच्छा     हो     अगर,
बदल   सकेगी       जोड़।।

अब अस्सी की आयु हमारी।
सौ-सौ विनती करूँ तुम्हारी।।

एक बार अवसर फिर पाऊँ।
संसद  में  मंत्री  बन  जाऊँ।।

आ सकता  है  अंत  बुलावा।
रह  जाएगा  फिर पछतावा।।

ख़ाली  हुईं     तिजोरी  सारी।
क्या   खाए औलाद  हमारी।।

सात पीढ़ियों तक रख जाऊँ।
ईवीएम    तेरे    गुण   गाऊँ।।

अपनी   सेवा    देश  भलाई।
हम नागरिक  देश के  भाई।।

शौचालय   किसके  बनवावें।
सांसद-निधि घर में लगवावें।।

गंगा-जमुना  साफ़  न होंगीं।
जब तक राजनीति है ढोंगी।।

सच  कहने  में   हानि क्या!
सेवा     -   दास      कहाउँ।
जो   धन   पाऊँ      केंद्र से,
घर   केंद्रित     कर   खांउ।।

मत - साधक    मत - वंदना,
सुन   प्रिय   वोट -  मशीन।
बार -बार आरति 'शुभम,
करूँ    बदल      दे   सीन।।

💐  शुभमस्तु !
✍ रचयिता ©
🎖 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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