मंगलवार, 28 मई 2019

गर्मी की सौगातें [बाल गीत]

 सुंदर  गर्मी    की  सौगातें।
आओ  करें उन्हीं की बातें।।

पीले   नरम मधुर ख़रबूज़े।
ठंडे   लाल - लाल तरबूजे।
लगे बेल  पर  बुला रहे हैं।।
पत्ते  अपने   झुला  रहे हैं।।
ले - ले स्वाद मेंड़ पर खाते।
सुंदर गर्मी ....

सारी प्यास  बुझाता खीरा।
संग नमक  के डालो जीरा।।
लंबी हरी - हरी हैं  ककड़ी।
सटकारी दो-दो फुट तगड़ी।।
खट्टे - मीठे   आम    सुहाते।
सुंदर गर्मी...

लदे  ठेल पर  काले - काले।
अंगूरी     अंगूर      निराले।।
रस   से  भरे    हुए हैं  सारे।
आँखों को लगते  हैं  प्यारे।।
लम्बे  दिन  की   छोटी रातें।
सुंदर गर्मी ....

गोल बेल शिव जी के प्यारे।
लटके   पीले  डाल  सहारे।।
पकते महीना जेठ अषाढा।
मीठा गूदा   रस  भी गाढ़ा।।
पीकर   लू   में बाहर  जाते।
सुंदर गर्मी....

मधुर    संतरा     कैसे   भूलें।
लगे   डाल  पर  फूले -फूले।।
महकदार  रस भरा हुआ है।
जिसने खाया हरा  हुआ है।।
कच्चे  आम  पना  बनवाते।
सुन्दर गर्मी ....

बहुत  रसीली  होती लीची।
लाल खाल  दूध  से सींची।।
त्वचा नयन को पोषण देती।
नियंत्रित तापमान कर लेती।।
खाती मात लुओं की घातें।
सुंदर गर्मी .....

💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
🍋 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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