मीत पुराने गीत पुराने।
काम करोगे क्या मनमाने??
तानाशाही नहीं चलेगी।
दाल वही अब नहीं गलेगी।।
इतना भी मत बौरा जाओ।
करके अच्छे काम दिखाओ।।
गाओ भी कुछ नए तराने।
मीत पुराने....
जनहितकारी काम करोगे।
दुःखियों के दुःख दर्द हरोगे।।
जनता क्षमा नहीं करती है।
सच्चे पर सब कुछ हरती है।।
मत लग जाना तुम इतराने।
मीत पुराने ....
देश तेरी जागीर नहीं है।
देती अवसर लगे सही है।।
अबअतीत से सबक सीख लो
मानव हित की रीत नीत लो।।
सो मत जाना स्वप्न सुहाने।
मीत पुराने ....
अहंकार विनाश करता है।
अंधा गड्ढे में गिरता है।।
मत विवेक पर पट्टी बाँधो।
मर्यादाएँ भी मत लाँघो।।
पूरो सुंदर ताने - बाने।
मीत पुराने ....
नहीं समझना गाजर -मूली।
जनता नहीं दर्द वे भूली।।
शूली भी हाथों में उसके।
मारेगी अंदर तक घुस के।।
गाना 'शुभम' शांति के गाने।
मीत पुराने ....
💐 शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
☘ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 11 जनवरी 2019 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!