1
हाथ में दौना
उनसे पहले मैं
भैंस-भोज है।
2
नियम कहाँ!
भूखे न रह जायँ
भीड़भाड़ में।
3
दीन भाव से
थाम तश्तरी हाथ
भिखारी जैसे।
4
खड़े -खड़े ही
परोसिये भोजन
खाना भी वैसे।
5
तंदूरी रोटी
घी में नहा आई है
बिना कपड़े।
6
एक टुकड़ा
मिस्सी रोटी का ले लें
स्वाद के लिए।
7
धकापेल में
अचार तो प्लेट में
आचार कहाँ?
8
पहले मैं ही
मिला न मिला फिर?
भूखे लौटेंगे!
9
गिद्ध -भोजन
कहाँ अनुशासन ?
ये हैं इंसान!
10
बुढ़िया खड़ी
आप अपनी पड़ी
भूखी लौटेगी!
💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
☘ डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम'
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