सोमवार, 13 मई 2019

झलकियाँ [ हाइकु ]

1
हाथ में दौना 
उनसे पहले मैं
भैंस-भोज है।

2
नियम कहाँ!
भूखे न रह जायँ
भीड़भाड़ में।

3
दीन भाव से
थाम तश्तरी हाथ
भिखारी जैसे।

4
खड़े -खड़े ही 
परोसिये भोजन
खाना भी वैसे।

5
तंदूरी रोटी 
घी में नहा आई है
बिना कपड़े।

6
एक टुकड़ा
मिस्सी रोटी का ले लें
स्वाद के लिए।

7
धकापेल में
अचार तो प्लेट में
आचार   कहाँ?

8
पहले मैं ही 
मिला न मिला फिर?
भूखे लौटेंगे!

9
गिद्ध -भोजन
कहाँ अनुशासन ?
ये हैं इंसान!

10
बुढ़िया खड़ी
आप अपनी पड़ी
भूखी लौटेगी!

💐शुभमस्तु !
✍रचयिता ©
☘ डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम'

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