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✍ शब्दकार©
🌳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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सावन आया वर्षा लाया।
देखो काला बादल छाया।।
लू गर्मी से मुक्ति मिली है।
ठंडी - ठंडी हवा चली है।।
मौसम प्यारा बहुत सुहाया।
सावन आया वर्षा लाया।।
रिमझिम बरस रही हैं बूँदें।
हम पानी में नाचें - कूदें।।
वर्षा का यह गीत सुनाया।
सावन आया वर्षा लाया।।
छाएगी हरियाली भारी।
धरती हरी - भरी हो सारी।।
सौगातें जामुन की लाया।
सावन आया वर्षा लाया।।
महके आम दशहरी पीले।
खट्टे - मीठे जामुन नीले।।
मजा बहुत खाने में आया।
सावन आया वर्षा लाया।।
नहीं दीखता झूला कोई।
अपनी तो किस्मत ही सोई।।
मोबाइल ने हमें भुलाया।
सावन आया वर्षा लाया।।
गरज रहे हैं बादल काले।
लगते हैं ये बहुत निराले।।
हमें डराने बिजली लाया।
सावन आया वर्षा लाया।।
06.07.2020 ◆8.00 अप.
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