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©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
देखो एक मदारी आया।
सँग में बंदर - बँदरी लाया।।
आगे - आगे चले मदारी।
पीछे चलते दारा - दारी।।
बाँध रज्जु में गाँव सिधाया।
देखो एक मदारी आया।।
बंदर पहने लाल झंगुलिया।
खुली हुईं सब बीस अंगुलियाँ।।
बँदरी पहने चोली साया।
देखो एक मदारी आया।।
बजा डुगडुगी भीड़ जुटाई।
आए भाभी चाची ताई।।
गीत मदारी ने फिर गाया।
देखो एक मदारी आया।।
बंदर - बँदरी नाच रहे हैं।
धमाचौकड़ी मचा रहे हैं।।
बंदर ने उसको धमकाया।
देखो एक मदारी आया।।
पूँछ खींच बँदरी डरवाई।
दंड उठाया वह खिशिआई।।
'शुभम्' मदारी ने बचवाया।
देखो एक मदारी आया।।
शुभमस्तु !
20.06.2024●9.45 आ०मा०
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