गुरुवार, 20 जून 2024

बड़े काम का होता चमचा [बाल गीतिका]

 283/2024

       


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


बड़े   काम    का   होता   चमचा।

नेताजी   को      ढोता    चमचा।।


भरे     भगौने    खाली    कर   दे,

मैले  को    भी    धोता    चमचा।


बिना    पूँछ     का  नेता   मुंडित,

नेता को     यदि   खोता   चमचा।


मालपुआ    या     मेवा     मिश्री,

देता  है    यदि    सोता    चमचा।


नेता     के   पैरों    पर  चल कर,

राष्ट्र   -   एकता     बोता  चमचा।


सदा    नहाए      गङ्गा  -  जमुना,

खूब   लगाता      गोता    चमचा।


'शुभम् ' सदा   है   सिर हाँडी में,

घी में   दसों     डुबोता   चमचा।


शुभमस्तु !

20.06.2024●1.30प० मा०

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