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©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
देखो चूरन वाला आया।
खट्टा - मीठा चूरन लाया।।
गली - गली में घण्टी टुन- टुन।
हम खुश होते ध्वनि को सुन-सुन।।
बच्चों में आनंद समाया।
देखो चूरन वाला आया।।
मम्मी दो दो रुपया हमको।
चूरन मैं लाऊँगा सबको।।
मुख में पानी भर -भर पाया।
देखो चूरन वाला आया।।
जीजी कहती खट्टा लाना।
लगता मुझको बड़ा सुहाना।।
पर मैं तो मीठा ले धाया।
देखो चूरन वाला आया।।
रंग - बिरंगा चूरन उसका।
चखती जीभ स्वाद ले रस का।।
दादी माँ को खूब लुभाया।
देखो चूरन वाला आया।।
'शुभम्' खड़े हम उसको घेरे।
खट - मधु रस के हम सब चेरे।।
चूरन - गीत सभी ने गाया।
देखो चूरन वाला आया।।
शुभमस्तु !
20.06.2024●8.15 आ०मा०
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