गुरुवार, 20 जून 2024

देखो चूरन वाला आया [ बालगीत ]

 277/2024

         

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


देखो       चूरन      वाला    आया।

खट्टा  -  मीठा       चूरन    लाया।।


गली -  गली   में   घण्टी   टुन- टुन।

हम खुश होते ध्वनि को  सुन-सुन।।

बच्चों     में         आनंद    समाया।    

देखो    चूरन      वाला       आया।।


मम्मी  दो   दो    रुपया    हमको।

चूरन   मैं     लाऊँगा      सबको।।

मुख  में   पानी   भर -भर  पाया।

देखो     चूरन    वाला     आया।।


जीजी    कहती    खट्टा     लाना।

लगता  मुझको  बड़ा     सुहाना।।

पर  मैं    तो    मीठा   ले    धाया।

देखो    चूरन      वाला     आया।।


रंग  -   बिरंगा      चूरन    उसका।

चखती  जीभ स्वाद  ले  रस का।।

दादी  माँ   को    खूब     लुभाया।

देखो    चूरन      वाला     आया।।


'शुभम्'  खड़े    हम   उसको   घेरे।

खट - मधु रस के   हम   सब चेरे।।

चूरन  -  गीत      सभी   ने   गाया।

देखो    चूरन      वाला      आया।।


शुभमस्तु !


20.06.2024●8.15 आ०मा०

                    ●●●

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

किनारे पर खड़ा दरख़्त

मेरे सामने नदी बह रही है, बहते -बहते कुछ कह रही है, कभी कलकल कभी हलचल कभी समतल प्रवाह , कभी सूखी हुई आह, नदी में चल रह...