गुरुवार, 20 जून 2024

मधुमक्खी का छत्ता देश [बाल गीतिका ]

 282/2024

        

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


मधुमक्खी   का    छत्ता    देश।

देन    एकता     का     संदेश।।


सदा    संगठित    रहना   साथ,

तब बनता  सुदृढ़   निज   देश।


जाति - पाँति   मजहब का भेद,

हर्ष    न     छीने   उनका   देश।


फूलों  से    रस   भरकर  लातीं,

भरा    मधुरता    से   शुभ  देश।


करें    परागण     फूलें      खेत,

विटप शाख पर   सजता  देश।


बाँट -बाँट  कर   करतीं    काम

लड़ना  क्योंकर    अपना  देश।


'शुभम्' मनुज  सब ही लें सीख,

नेक   बनाएँ     शुभकर    देश।


शुभमस्तु !


20.06.2024●12.30 प०मा०

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