गुरुवार, 20 जून 2024

सब कहते हैं मुझको घण्टा [बाल गीतिका]

 

280/2024      


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


सब     कहते   हैं    मुझको   घण्टा।

पिट-पिटकर क्या  मिलता  घण्टा??


जो   भी    मंदिर   में   घुस    आता,

सबसे    पहले      पिटता     घण्टा।


बहरे     हैं    क्या       देव - देवियाँ,

जो   कहते   हैं     पीटो      घण्टा।


जब तक   भाव  न बजते मन के,

वृथा  पीटना   जन   का   घण्टा।


गर्माता   मैं पिट -   पिट   कर ही,

सुनते  लोग न  मन   का   घण्टा।


मेरे   जीभ   -  गाल       टकराएँ,

स्वर में   एक   बजे   तब  घण्टा।


'शुभम्'  दया  हो   इस घण्टे पर,

निर्मम   हो   मत   पीटो   घण्टा।


शुभमस्तु !


20.06.2024●11.30आ०मा०

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[12:08 pm, 20/6/2024] DR  BHAGWAT SWAROOP: 281/2024

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