रविवार, 13 अक्तूबर 2024

कौन है मानव यहाँ! [अतुकांतिका]

 464/2024

             

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


देवियाँ भी हैं

देवता भी,

इंसान की है

कमी केवल।


करवा चौथ को

पति देवता

पुजते सदा ही,

नवरात्र में

प्रति शरद या

मौसम वासंती

देवियों के दिन 

अठारह।


देवत्व या देवित्व को

पाना, समझना

बहुत दुष्कर है मुझे,

 ढूँढ़ता हूँ 

कौन है मानव 

यहाँ पर।


वृद्धाश्रमों में भेजतीं

'देवी'  यहीं हैं,

जनक को जो पीटते

वे 'देव'  भी हैं!

वे कौन हैं कोई बताए!


मत कहो 

दानव उन्हें 

राक्षस असुर भी,

अपमान उनका !

देवभूमि है

हमारा देश भारत!

मत लजाएँ,

'शुभम्' किस ठौर जाएँ ?


शुभमस्तु !


10.10.2024●1.45 प०मा०

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