118/2023
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✍️ शब्दकार ©
💁🏻♂️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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नेता जी पर शोध कराया।
सद्गुण का भंडार समाया।।
सहनशीलता होती प्यारी।
पदत्राण से उनकी यारी।।
पनहा फूल सदृश ही भाया।
नेता जी पर शोध कराया।।
नर - नारी कोई दे गाली।
सुनने की आदत है डाली।।
घुसता इधर उधर से आया।
नेता जी पर शोध कराया।।
समझ रहे अपने को हाथी।
चमचे गुर्गे ही सब साथी।।
टुकड़ा डाल मनुज ललचाया।
नेता जी पर शोध कराया।।
भेद न कोई उनका पाए।
जाते पूरब पछाँ बताए।।
चालक चाल समझ क्या पाया!
नेता जी पर शोध कराया।।
मन की बात न दारा जाने।
चित्त विरोधी चारों खाने।।
अवसर देखा पलटा खाया।
नेताजी पर शोध कराया।।
घरवाली संतति के चिंतक।
नहीं कभी साले के निंदक।।
साली को ऊपर बैठाया।
नेता जी पर शोध कराया।।
चिंता उन्हें देश की भारी।
अनथक निशा दिवस तैयारी।
जनगणमन को शीश नवाया।
नेता जी पर शोध कराया।।
होते नहीं देश में नेता।
कौन नाव भारत की खेता।।
श्वेत वसन ही उनको भाया।
नेता जी पर शोध कराया।।
शिक्षा न्यून किंतु बहु ज्ञानी।
अच्छे - अच्छों को दें पानी।।
अधिकारी को ज्ञान पढ़ाया।
नेता जी पर शोध कराया।।
सुंदरियों के सदा हितैषी।
बदलें रूप वसन बहुवेषी।।
नित्य मुखौटा बदल चढ़ाया।
नेता जी पर शोध कराया।।
🪴शुभमस्तु !
14.03.2023◆11.30 आ.मा.
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