सोमवार, 27 मार्च 2023

जीव -अलि रसिया 🪂 [ गीतिका ]

 123/2023


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✍️शब्दकार ©

🪷 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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जीवन-सुमन  जीव-अलि रसिया।

कौन भ्रमर  जो रस न आ पिया??


योनि  - योनि  प्रति  योनि विचरता,

तृप्ति   न   पाया    बगिया- बगिया।


बचपन ,    यौवन       खेल  गँवाए,

फिर  क्या  जब  थामी कर लठिया!


देखा      नहीं     दे    दिया   जीवन,

फिर    भी   कहलाई    वह नदिया।


रस्सी     जली     नहीं    बल  निकले,

कूकर    काम- केलि  रत  न जिया?


बादल         में        थेगली    लगाई,

जनक - जननि का सिला न बखिया ।


'शुभम्'       पार      करनी वैतरणी,

चिल्लाता          आजीवन दुखिया।


🪴शुभमस्तु !


20.03.2023◆2.30आ.मा.

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