017/2024
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●©शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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राम लला का
स्वागत करने
भक्त खड़े तैयार।
आओ मेरे
पूज्य राम जी
सजी अयोध्या आज।
ठुमक -ठुमक पग
धरो धरा पर
सजे हुए सब साज।।
अपने जाने
कमी न छोड़ी
तजना नहीं दुलार।
बिछा नयन के
पलक पाँवड़े
हम करते हैं आस।
आएँगे प्रभु
राम हमारे
बना रहे विश्वास।।
यथाशक्ति बहु
भोग सजाए
किंचित हैं उपहार।
मर्यादा का
पाठ तुम्हीं से
पढ़ता है संसार।
नर -नारी हैं
आज भ्रमित से
पश्चिम से क्यों प्यार।।
'शुभम्' राम जी
कृपा करो नित
हटा पाप का भार।
● शुभमस्तु !
09.01.2024●9.45आ०मा०
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