003/2024
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●© शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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नए वर्ष की शुभ अगुआई।
विगत वर्ष की हुई विदाई।।
श्री गणेश की शुभता कर लें।
सँवर न पाए और सँवर लें।।
करते श्री गणेश का वंदन।
लगा भाल पर टीका चंदन।।
श्री गणेश जी विघ्न विनासें।
भक्त गणों की महकें साँसें।।
करें काम तो विघ्न न आएँ।
श्री गणेश हर संकट ढाएँ।।
श्री गणेश शिव गौरी ढोटा।।
बूँदी - मोदक खाते मोटा।।
श्री गणेश जब कोई करना।
तनिक नहीं विघ्नों से डरना।।
भाव हृदय का शुभ ही रखना।
शुभ फल रसानंद ही चखना।।
श्री गणेश ने यही सिखाया।।
मात-पिता को श्रेष्ठ बताया।।
परिक्रमा कर पहले आए ।
धरती माँ के सम बतलाए।।
सबसे पहले पूजे जाते।
श्री गणेश सब दुःख नसाते।।
जो न मान्यता उनको देता।
कदम -कदम पर संकट लेता।।
'शुभम्' नाम है श्री गणेश का।
नाम न रहता शेष क्लेश का।।
श्री गणेश का दें जयकारा।
लंबोदर शुभ लाभ हमारा।।
●शुभमस्तु !
01.01.2024●2.15प०मा०
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