शुक्रवार, 5 जनवरी 2024

अभिनंदन नववर्ष ● [ गीत ]

 004/2024

   

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●© शब्दकार

● डॉ०भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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अभिनंदन है

नव आगत का

दो  हजार  चौबीस।


खुशहाली के

सुमन बाग में

खिलें  हजारों लाख ।

सकल विश्व में

भारत माँ की

बढ़े नित्य प्रति शाख।।


सभी सुखी हों

आनंदित हों

मिले न कोई टीस।


युवा वर्ग को

सही दिशा का

सुलभ सदा हो ज्ञान।

नर - नारी में

हेलमेल हो

छिड़े प्रेम की तान।।


उचित समय पर

बादल बरसें

उत्पादन   इक्कीस।


नेताओं में 

देश प्रेम हो

रहें  लूट  से  दूर।

विकसित हो ये

देश हमारा

उन्नति हो भरपूर।।


प्रजातंत्र में

प्रजा राज हो

नहीं  निपोरें  खीस।


●शुभमस्तु !


02.01.2024●2.00आरोहणम्

मार्तण्डस्य।

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