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✍️ शब्दकार ©
🥭 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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कच्ची अमिया खाए दीदी।
गुपचुप हमें बुलाए दीदी।।
आँधी चली झकोरे लेती,
बगिया में बुलवाए दीदी।
कहती चुन्नू टॉफी दूँगी,
जाने को उकसाए दीदी।
मानी बात गए अमराई,
झोली भर - भर लाए दीदी।
बोली नहीं बताना माँ को,
छुप - छुप अमिया पाए दीदी।
गिरे आम चखकर हम बोले,
हमें न खट्टा भाए दीदी।
'शुभम्' बुलाती करे इशारे,
होठों में मुस्काए दीदी।
🪴शुभमस्तु !
21.04.2023◆2.30आ.मा.
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