321/2023
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● © शब्दकार
● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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नाव नई हो या कि पुरानी।
आती सबको नहीं चलानी।।
बड़ी -बड़ी आतीं कठिनाई।
होते साहस धैर्य सहाई।।
चलते -चलते अनुभव आते।
कभी सफल-असफल हो जाते।।
कठिनाई से मत घबराना।
धी विवेक से बढ़ते जाना।।
जोश रहे पर होश न खोना।
अपने पथ में शूल न बोना।।
तभी दूर होती कठिनाई।
कर्मठता की महिमा गाई।।
यौवन अनुभव- शून्य वृथा है।
असफलता की यही कथा है।
कठिनाई अनुभव से जाती।
कर्मशील के पास न आती।।
बचपन में दायित्व न होते।
कठिनाई के बीज न बोते।।
ज्यों -ज्यों यौवन आता जाता।
कठिनाई का ताप सताता।।
वृद्ध जनों की यही महत्ता।
घर भर की समरस हो सत्ता।।
पल में दूर करें कठनाई।
उन्हें पूँछते करें मिताई।।
'शुभम्' दीप सब वृद्ध हमारे।
तम में बनते सदा सहारे।।
पास न आने दें कठिनाई।
दिवस-निशा या जून जुलाई।।
●शुभमस्तु !
24.07.2023◆11.45आ०मा०
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