गुरुवार, 13 जुलाई 2023

टमाटर ● [ गीतिका ]

 304/2023

     

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● ©शब्दकार 

● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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आँख  दिखाने लगा  टमाटर।

हुआ आम का बाप टमाटर।।


घूरे    के  भी  दिन  आते   हैं,

लाल सेव-सा , नाम  टमाटर।


इठला - इठला कर चलता है,

सब्जी से फल  बना  टमाटर।


नहीं    दीखता   आम   रसोई,

सजा धनिक के धाम टमाटर।


बहू    चाहती   तड़का    देना,

लिया  सास ने  दाब   टमाटर।


हुआ   लाल  से   रंग  गुलाबी,

मंडी    में   सरनाम   टमाटर।


भूले   आलू,  प्याज ,  करेला,

जुबाँ-जुबाँ  पर जाम टमाटर।


कभी प्याज सिर चढ़कर बोले,

आज  चाटता   प्राण  टमाटर।


'शुभम्' तुम्हारे   दिन   बहुरेंगे,

पाएँगे  सुख - मान    टमाटर।


●शुभमस्तु !


13.07.2023◆12.15प०मा०

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