309/2023
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● ©शब्दकार
● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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टमाटर, टमाटर , टमाटर खेल।
बनाकर सजाकर समांतर रेल।।
तिजोरी , तिजोरी , तिजोरी गैल,
धनिकों से करता बराबर मेल।
मिलता गरीबों को आटा दाल?
जुटाए कैसे जु टका भर तेल।
चटनी, न लॉजी, न कोई सलाद,
सासु माँ सजाए सु-लॉकर मेल।
आमों से दूर सेवों का संग,
गरमी मंडी में सब्जाघर फेल।
प्यादा से फर्जी बन टेढ़ी चाल,
कवियों पर न फ़िके बनाकर ढेल।
छूते अंबर को मनमाने भाव,
कहता हर कोई घटाकर सेल।
बैठा चढ़ ऊपर टोमेटो अब,
लाली बिन खाली बराबर ठेल।
चंडीगढ़ ,अल्लीगढ़, सब्जी फड़ देख,
'शुभम्' सब्जी की भयातुर डिरेल।
●शुभमस्तु !
16.07.2023◆ 12.15 आ०मा०
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