286/2023
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●समांत :आले
●पदांत : अपदान्त।
●मात्राभार :16.
●मात्रा पतन:शून्य।
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●शब्दकार ©
● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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पावस आई बहते नाले।
लिए हाथ हम छाते काले।।
लेकर बस्ता निकले बालक,
विद्यालय के खुलते ताले।
गुरु - पूनम है पूजा कर ले,
गुरु -चरणों में दीप जला ले।
अनथक चलते राही पथ में,
पग में पड़ते ही हैं छाले।
गुर्वाज्ञा का पालन करना,
सदाचार में निज को ढाले।
मात-पिता अपने गुरु पहले,
हटा तमस के उलझे जाले।
'शुभम्'ज्योतिदा गुरु सूरज हैं,
उज्ज्वलता का दीप जला ले।
●शुभमस्तु !
03.07.2023◆9.00आ०मा०
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