गुरुवार, 20 नवंबर 2025

सफल वही सब लोग हैं [ दोहा ]

 680/2025


  

[कार्य,योजना, विचार,राय,सफल ]


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


                सब में एक

कार्य   नहीं   वह  कीजिए,करे  नाम बदनाम।

हो   ललाट   ऊँचा  सदा, मिले  शांति विश्राम।।

फल    की  इच्छा  के बिना, करें कार्य हे मीत।

फल  अधीन    है ईश  के, मिले सदा ही जीत।।


प्रथम   बनाए  योजना , करता   है फिर  काम।

मिले  सफलता शीघ्र  ही,सुखद सभी परिणाम।।

प्रबल  सुचिंतित योजना, विफल न होती एक।

सफल   करे परिणाम  भी, करे काम जो नेक।।


मन   में    श्रेष्ठ विचार   का,आविर्भाव पुनीत।

तन-मन को   पावन   करे,रहे   मनुज में  तीत।।

जीवन   में   सु विचार  ही, देता शुभ परिणाम।

मन  की   दाहकता   मिटे, नहीं   सताए घाम।।


नहीं  अयाचित राय का, जीवन में कुछ मोल।

कूड़े में  उत्क्षिप्त   हो, ज्यों अखरोटी खोल।।

राय   उसी  को   दीजिए,  हो  सुमीत संतान।

अन्य न    मानेगा   कभी, करे  अनसुना गान।।


सफल   वही   सब  लोग हैं, चमक रहे जो नाम।

सदा   चमकते    सूर्य- से, उज्ज्वल करता काम।।

सफल   परिश्रम  ही करे, लगन लगी  हो   खूब।

कुचली   जाकर   भी रहे,   हरी-हरी नित दूब।।


                एक में सब

कार्य   योजना  राय का,करते प्रबल विचार।

जीवन   में   वे हों   सफल,   शोभन उपसंहार।।


शुभमस्तु !


16.11.2025● 6.45आ०मा०

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