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जापानी छंद हाइकु का विधान:
1.यह तीन पंक्तियों की कविता है।
2. इसकी पहली ,दूसरी और तीसरी पंक्ति में क्रमशः 5,7 और 5 अक्षर होते हैं।
3.एक अच्छे हाइकु में प्रकृति या ऋतु सूचक शब्द आने चाहिए, किंतु यह सदैव अनिवार्य नहीं है।
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✍️ शब्दकार ©
🦚 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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सावन मेघ
हो गए अब विदा
बरसे तेज ।
घटाएँ घनी
अंबर में हैं तनी,
भादों का मास।
मुरलीधर
होंगे अवतरित
अष्टमी तिथि।
झूम उठी है
डाल वन बाग़ की
सौभाग्य घड़ी।
देवकी माता
पिता वसुदेव जी,
आए मुरारि।
कारागार के
ताले गए हैं टूट,
पधारे प्रभु।
यमुना जल
उतर गया स्वतः
शिशु परस।
आधी थी रात,
यमुना में थी बाढ़
गए गोकुल।
यशोदा सोई
शिशु कृष्ण लिटाए
पार्श्व उनके।
नंदबाबा के
घर में है आंनद
कृष्णागमन।
सुबह हुई
खिलती हैं कलियाँ
गूँजी गलियाँ।
🪴 शुभमस्तु !
२८.०८.२०२१◆३.४५ पतनम मार्तण्डस्य।
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