विधान -यमाता यमाता
ISS. ISS : 06वर्ण।दो चरण तुकांत।
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
✍ शब्दकार ©
🦚 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
चलो शीश नाएँ।
शुभाशीष पाएँ ।।
ब्रजाधीश आए।
शुभं गीत गाए।।
बजैया सु-वंशी।
वही अंश, अंशी!!
पसारा उसी का।
सहारा प्रभू का।।
वही ज्योति सारी।
मही में प्रसारी ।।
वही एक कर्ता।
सभी दुःख हर्ता।।
सदा सानुरागी।
विमोही विरागी।।
सदा दास तेरा।
करो जी उजेरा।।
शुभं टेरता है।
लड़ी फेरता है।।
चले नाथ आओ।
प्रसादी खिलाओ।।
🪴शुभमस्तु !
३०.०८.२०२१◆१०.४५ आरोहणम मार्तण्डस्य।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें