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✍️ शब्दकार ©
🛕 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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जय गणेश तव महिमा न्यारी।
वंदन हम करते भयहारी।।
शिवगौरी सुत, हे गण नायक।
एकदंत, नंदन , शुभ दायक।।
प्रथम पूजते सब नर - नारी।
जय गणेश तव महिमा न्यारी।।
हे गजकर्ण , शुभम , मृत्यंजय।
विघ्नहरण , विघ्नेश्वर , जय- जय।।
तरुण , वरप्रद, नित शुभकारी।
जय गणेश तव महिमा न्यारी।।
वक्रतुंड , अवनीश, गदाधर।
कपिल , कीर्ति, हे अमित, कृपाकर।।
हम हैं प्रभुवर शरण तुम्हारी।।
जय गणेश तव महिमा न्यारी।।
पुरुष, प्रमोद, सुमुख , पीताम्बर।
गणपति , लंबोदर , प्रथमेश्वर।।
अर्चन वंदन तुम्हें हमारी।
जय गणेश तव महिमा न्यारी।।
भालचंद्र , शांभवी , गजानन।
शशिवर्णम, प्रभु मूषक वाहन।।
मंगलमूर्ति, 'शुभम' सुखकारी।
जय गणेश तव महिमा न्यारी।।
🪴 शुभमस्तु !
०४.०८.२०२१◆४.१५पत नम मार्तण्डस्य।
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